अंबाह (मुरैना, मध्य प्रदेश)– क्षत्रिय समाज की गौरवशाली परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए आगामी Dussehra Milan Samaroh 2025 का आयोजन इस वर्ष 05 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा। यह भव्य आयोजन अंबाह पचासा मैदान में दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगा।
Dussehra Milan Samaroh 2025 का महत्व
दशहरा केवल असत्य पर सत्य की विजय का पर्व ही नहीं है, बल्कि क्षत्रिय समाज के लिए यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। इस अवसर पर समाज के वीर योद्धाओं की परंपराओं को स्मरण किया जाएगा और नई पीढ़ी को समाज सेवा व राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
क्षत्रिय समाज द्वारा शस्त्र पूजा की परंपरा और मान्यताएँ
क्षत्रिय समाज में शस्त्र केवल युद्ध के साधन नहीं, बल्कि मर्यादा, धर्म और न्याय की रक्षा के प्रतीक माने जाते हैं। प्राचीन काल से ही शस्त्र पूजा की परंपरा चली आ रही है, जिसे विशेष रूप से दशहरा (विजयादशमी) के दिन किया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की विजय स्थापित की थी और अर्जुन ने भी शमी वृक्ष से अपना गाण्डीव धनुष प्राप्त किया था।
राजपूत समाज में तलवार, भाला, धनुष-बाण और अन्य शस्त्रों की पूजा कर यह मान्यता व्यक्त की जाती है कि शस्त्र सदैव धर्म की रक्षा, मातृभूमि की सेवा और समाज की एकता के लिए ही प्रयोग हों। पूजा के समय शस्त्रों को साफ कर उन पर हल्दी, चंदन, कुमकुम और फूल चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद आरती और नारियल फोड़कर भगवान से आशीर्वाद लिया जाता है कि शस्त्र सदैव सत्य और न्याय की रक्षा में सहायक हों।
इस परंपरा का मुख्य संदेश यह है कि शस्त्र केवल आक्रामकता का साधन नहीं, बल्कि मर्यादा और सुरक्षा का प्रतीक हैं। यही कारण है कि आज भी क्षत्रिय समाज में शस्त्र पूजन को गौरव, साहस और संस्कृति की धरोहर माना जाता है।
मुख्य अतिथि
कार्यक्रम में कई राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर की विशिष्ट हस्तियां शामिल होंगी। मुख्य अतिथियों की सूची इस प्रकार है –
- माननीय नरेंद्र सिंह तोमर, विधानसभा अध्यक्ष
- आनंदमोहन सिंह तोमर, पूर्व सांसद बिहार
- लवली आनंद सिंह तोमर, सांसद शिवहर, बिहार
- राजा भैया, विधायक, कुंडा (उत्तर प्रदेश)
- शेर सिंह राणा, रुड़की (उत्तराखंड)
- राजा रणविजय सिंह जूदेव, पूर्व सांसद, राज्यसभा (छत्तीसगढ़)
विशिष्ट अतिथि
इसके अतिरिक्त समाज और राजनीति के कई दिग्गज नेता भी इस आयोजन में उपस्थिति दर्ज कराएंगे –
- प्रद्युम्न सिंह तोमर – ऊर्जा मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार
- जयभान सिंह पवैया – पूर्व मंत्री
- शिवमंगल सिंह तोमर – सांसद, मुरैना-श्योपुर
- शत्रुदमन सिंह सिकरवार (राजा साहब पहाड़गढ़)
- डॉ. गोविंद सिंह – पूर्व मंत्री
- सतीश सिंह सिकरवार – पूर्व विधायक, ग्वालियर
- सत्यपाल सिंह सिकरवार – पूर्व विधायक
- सूबेदार सिंह सिकरवार (रजोधा) – पूर्व विधायक
- गिर्राज सिंह मलिंगा – पूर्व मंत्री
- रवीन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा – पूर्व विधायक
- नरेन्द्र सिंह कुशवाह – विधायक
- संजीव सिंह कुशवाह – पूर्व विधायक
- अरविंद सिंह भदौरिया – पूर्व मंत्री
- ओ.पी.एस. भदौरिया – पूर्व मंत्री
- मधुराज सिंह तोमर – जिला अध्यक्ष, मुरैना
- कृष्णकांता तोमर – पूर्व अध्यक्ष महिला आयोग
- सुरेंद्र सिंह तोमर – राष्ट्रीय अध्यक्ष, क्षत्रिय महासभा
- हेमलता तोमर – राष्ट्रीय अध्यक्ष, महिला विंग क्षत्रिय महासभा
- आराधना सोलंकी – प्रदेश अध्यक्ष, करणी सेना महाराष्ट्र
- गोपाल सिंह तोमर – प्रदेश अध्यक्ष, मध्य प्रदेश (अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट)
- राज सिंह तोमर – प्रदेश अध्यक्ष, गुजरात
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
क्षत्रिय समाज का इतिहास सदैव शौर्य और पराक्रम से भरा हुआ रहा है। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज और राजा अनंगपाल तोमर जैसे महान योद्धाओं ने समाज को स्वाभिमान और त्याग की प्रेरणा दी।
चंबल घाटी में क्षत्रिय समाज की भूमिका विशेष महत्व रखती है। यहां के योद्धाओं ने समय-समय पर समाज और राष्ट्र की रक्षा की है। दशहरा मिलन जैसे आयोजन न केवल समाज की एकता को मजबूत करते हैं बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी ऐतिहासिक धरोहर से जोड़ते भी हैं।
निष्कर्ष
अंबाह में होने वाला यह Dussehra Milan Samaroh 2025 केवल एक सामाजिक आयोजन नहीं, बल्कि क्षत्रिय समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक होगा। इसमें शामिल होने वाले अतिथि और समाजजन इस परंपरा को नई ऊर्जा देंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन प्रस्तुत करेंगे।
यह आयोजन चंबल घाटी और पूरे मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर के क्षत्रिय समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण साबित हो सकता है।