हाल ही में मध्य प्रदेश और राजस्थान से एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है, जहां Cough Syrup के इस्तेमाल के बाद 12 बच्चों की मौत की आशंका जताई जा रही है। इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय स्तर पर हड़कंप मचाया है बल्कि केंद्र सरकार को भी Advisory जारी करनी पड़ी है। इसमें डॉक्टरों को विशेष रूप से निर्देश दिए गए हैं कि दो साल से छोटे बच्चों को खांसी-जुकाम की दवा न दी जाए।
मध्य प्रदेश और राजस्थान की घटनाएँ
सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से सामने आए, जहां अब तक 9 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा राजस्थान में 3 बच्चों की मौत की खबर है।
बीमार बच्चों में सामान्य तौर पर ये लक्षण देखे गए:
- लगातार उल्टी होना
- नींद और चक्कर आना
- बेहोशी की स्थिति
- मूत्र की मात्रा कम होना
इन लक्षणों के बाद कई बच्चों को गुर्दे से जुड़ी जटिलताओं का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। कुछ बच्चे अभी भी इलाज के लिए नागपुर सहित अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तुरंत कदम उठाया। जारी की गई Advisory में कहा गया है:
- Cough Syrup और Cold Medicines दो साल से छोटे बच्चों को न दी जाएं।
- राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे दवाओं की क्वालिटी टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दें।
- सभी संदिग्ध दवाओं के सैंपल की जांच कराई जाए और रिपोर्ट जल्द पेश की जाए।
लैब रिपोर्ट और जांच की स्थिति
अब तक सामने आई प्रारंभिक रिपोर्ट में यह पाया गया है कि मध्य प्रदेश से लिए गए Cough Syrup के सैंपल में diethylene glycol (DEG) और ethylene glycol (EG) जैसी जहरीली केमिकल्स की मिलावट नहीं पाई गई है।
ये वही रसायन हैं जिनकी वजह से अतीत में गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौतें हुई थीं। कुल 19 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 9 की रिपोर्ट साफ आई है जबकि बाकी की जांच अभी जारी है। इसका मतलब है कि मौतों की वजह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकी है।
राजस्थान में उठाए गए कदम
राजस्थान में जहां तीन बच्चों की मौत हुई, वहां सरकार ने Cough Syrup पर तुरंत बैन लगा दिया है। खासतौर पर dextromethorphan-based syrup को अस्थायी रूप से रोका गया है।
साथ ही:
- Kaysans Pharma कंपनी की 19 अन्य दवाओं की सप्लाई भी रोक दी गई है।
- राज्य स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
- सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि संदिग्ध दवाओं का इस्तेमाल न करें।
Kaysans Pharma पर सवाल
जिस कंपनी का नाम सामने आ रहा है, वह है Kaysans Pharma। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में कंपनी की 10 हजार से ज्यादा दवाओं के सैंपल की जांच हुई, जिनमें से करीब 42 सैंपल सब-स्टैंडर्ड पाए गए।
भले ही यह संख्या ज्यादा न लगे, लेकिन बार-बार गुणवत्ता को लेकर सवाल उठना चिंता का विषय है।
माता-पिता और डॉक्टरों के लिए जरूरी सावधानियाँ
- 2 साल से छोटे बच्चों को Cough Syrup न दें।
- बच्चों को दवा देने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
- किसी भी सरकारी योजना के तहत मुफ्त दवा मिल रही हो, तो उसकी पैकेजिंग और बैच नंबर जरूर चेक करें।
- अगर बच्चे में उल्टी, चक्कर, नींद या पेशाब कम होने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएं।
निष्कर्ष
Cough Syrup Deaths in MP and Rajasthan ने देशभर में चिंता पैदा कर दी है। भले ही लैब रिपोर्ट्स में अभी तक जहरीले रसायन नहीं मिले हों, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें कोई जोखिम नहीं लेना चाहतीं। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि बच्चों को दवा देने में अत्यधिक सतर्कता जरूरी है और दवा कंपनियों की गुणवत्ता जांच को और कड़ा बनाने की जरूरत है।
FAQ : Cough Syrup Deaths in MP and Rajasthan
Q1. Cough Syrup Deaths in MP and Rajasthan की वजह क्या है?
👉 अभी तक लैब रिपोर्ट में किसी भी तरह की जहरीली मिलावट (DEG या EG) नहीं मिली है। जांच जारी है और मौतों की सटीक वजह स्पष्ट नहीं है।
Q2. केंद्र सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
👉 स्वास्थ्य मंत्रालय ने Advisory जारी कर डॉक्टरों को चेताया है कि 2 साल से छोटे बच्चों को Cough Syrup या Cold Medicines न दी जाएं।
Q3. Rajasthan सरकार ने कौन-सा Syrup बैन किया है?
👉 राजस्थान में अस्थायी रूप से dextromethorphan-based syrup पर बैन लगाया गया है और Kaysans Pharma की 19 दवाओं की सप्लाई रोक दी गई है।
Q4. माता-पिता को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
👉 बच्चों को दवा देने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें, दो साल से छोटे बच्चों को खांसी-जुकाम की दवा न दें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Q5. क्या यह समस्या पूरे भारत में फैल सकती है?
👉 फिलहाल मामले केवल मध्य प्रदेश और राजस्थान तक सीमित हैं। फिर भी सरकार ने देशभर में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।