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Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर का पूर्ण चंद्रग्रहण – मिथक और विज्ञान की सच्चाई

On: September 7, 2025 10:23 AM
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Chandra Grahan 2025
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भारत में 7 सितंबर 2025 को इस साल का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। यह खगोलीय घटना हमेशा से लोगों के बीच जिज्ञासा और अंधविश्वास दोनों का कारण रही है। जहां धार्मिक मान्यताएं ग्रहण को शुभ-अशुभ से जोड़ती हैं, वहीं विज्ञान इसे एक प्राकृतिक प्रक्रिया मानता है। आइए जानते हैं Chandra Grahan 2025 से जुड़े मिथक और उनके पीछे की वास्तविक सच्चाई।

Chandra Grahan 2025 कब और कहां दिखाई देगा?

  • शुरुआत: रात 9:58 बजे (भारतीय समयानुसार)
  • समाप्ति: सुबह 1:26 बजे तक
  • यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत समेत एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा।

चंद्रग्रहण से जुड़े प्रमुख मिथक और वैज्ञानिक सच्चाई

गर्भवती महिलाओं पर असर

मिथक: ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने या तेज रोशनी में जाने से बच्चे पर बुरा असर होता है।
विज्ञान: गर्भ में बच्चे के विकास पर चंद्रग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह केवल एक खगोलीय घटना है।

भोजन पर ग्रहण का प्रभाव

मिथक: ग्रहण के समय भोजन बनाना या खाना अशुभ और हानिकारक माना जाता है।
विज्ञान: ग्रहण से भोजन पर कोई असर नहीं होता। यह परंपरा पुराने समय में इसलिए बनी क्योंकि तब फ्रिज जैसी सुविधा नहीं थी और लोग खाने को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय करते थे।

आंखों पर असर

मिथक: ग्रहण देखने से आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है।
विज्ञान: यह भ्रम केवल सूर्यग्रहण से जुड़ा है। Chandra Grahan 2025 को आप नंगी आंखों से सुरक्षित तरीके से देख सकते हैं।

धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं

मिथक: ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना, सोना या कुछ गतिविधियां करना पाप माना जाता है।
विज्ञान: ग्रहण और धार्मिक कर्मकांड का सीधा कोई संबंध नहीं है। हालांकि आस्था और परंपरा व्यक्तिगत मान्यताओं पर आधारित है।

सेहत और प्राकृतिक आपदाएं

मिथक: ग्रहण सेहत बिगाड़ सकता है और प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन सकता है।
विज्ञान: अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला कि ग्रहण से स्वास्थ्य या आपदाओं पर असर पड़ता है।

Chandra Grahan 2025 को देखने के सुझाव

  • इसे आप बिना किसी सुरक्षा चश्मे के देख सकते हैं।
  • खगोल प्रेमियों के लिए यह शानदार मौका है।
  • बच्चे और बड़े सभी इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं।

निष्कर्ष

Chandra Grahan 2025 पूरी तरह एक प्राकृतिक घटना है, जो सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के एक सीधी रेखा में आने से घटित होती है। इसे लेकर फैले अधिकतर मिथक अंधविश्वास पर आधारित हैं। विज्ञान साफ कहता है कि ग्रहण का सेहत, गर्भावस्था, भोजन या पूजा-पाठ पर कोई असर नहीं होता। इसलिए इस सुंदर खगोलीय दृश्य का आनंद लें और विज्ञान के साथ-साथ संस्कृति को भी समझें।

FAQ – Chandra Grahan 2025

क्या Chandra Grahan 2025 को देखने के लिए टेलिस्कोप चाहिए?
👉 नहीं, इसे आप नंगी आंखों से भी साफ देख सकते हैं।

Chandra Grahan 2025 कब लगेगा?
👉 साल का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा। यह रात 9:58 बजे शुरू होकर सुबह 1:26 बजे तक चलेगा।

Chandra Grahan 2025 कहां दिखाई देगा?
👉 यह भारत समेत एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा।

क्या चंद्रग्रहण देखने से आंखों पर असर पड़ता है?
👉 नहीं, चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है।

क्या ग्रहण के समय भोजन करना हानिकारक है?
👉 विज्ञान के अनुसार, ग्रहण का भोजन पर कोई असर नहीं होता। यह केवल मान्यताओं पर आधारित है।

गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के समय क्या सावधानी रखनी चाहिए?
👉 वैज्ञानिक दृष्टि से कोई असर नहीं होता, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के चलते लोग सावधानी बरतते हैं।

क्या चंद्रग्रहण से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा होता है?
👉 नहीं, यह सिर्फ एक खगोलीय घटना है और आपदाओं से इसका कोई संबंध नहीं।

Mohit Singh Tomar

My name is Mohit Singh Tomar, a passionate student and aspiring journalist from Morena, Madhya Pradesh. With a keen interest in news writing and digital media, I created Khabar Apke Dwar to deliver accurate, timely, and engaging news updates to readers across India. I strive to ensure that every headline reaches you with clarity, credibility, and commitment.

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