महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर, जो कि भारतवर्ष के इतिहास में एक चक्रवर्ती सम्राट के रूप में जाने जाते हैं, उनकी स्मृति में आयोजित Anangpal Tomar Shobha Yatra 2025 इस बार ऐतिहासिक रूप से चम्बल अंचल में मनाई गई। इस शोभायात्रा ने न केवल तोमर वंश के प्रति गर्व की अनुभूति कराई, बल्कि समाज को एकजुटता और संस्कृति से जोड़ने का भी संदेश दिया। इस आयोजन में हजारों लोगों ने भाग लिया और पूरे मार्ग को उत्सवमय बना दिया।
शोभा यात्रा की शुरुआत – हरियाली, उत्साह और दिव्यता के साथ
यात्रा की शुरुआत 24 जुलाई 2025 को चक्रवर्ती सम्राट महाराजा अनंगपाल तोमर की जयंती के उपलक्ष्य में अंबाह नगर से हुई। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत श्री श्री 108 बाबा बालकदास महाराज जी के करकमलों से हुई, जिन्होंने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। इस दौरान उन्होंने अपने मुखारविंद से समाज को प्रेरणा देते हुए विशेष रूप से नशा मुक्ति का संदेश दिया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: कौन थे महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर?
महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर भारत के एक प्रसिद्ध क्षत्रिय राजा थे, जिन्हें दिल्ली का संस्थापक भी माना जाता है। उनकी वीरता, शासन कौशल और सांस्कृतिक संरक्षण के कार्यों ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। Anangpal Tomar Shobha Yatra 2025 के माध्यम से उनकी विरासत को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास किया गया।
शोभायात्रा की शुरुआत: आध्यात्मिकता और ऊर्जा का संगम
शोभायात्रा की शुरुआत बाबा बालकदास महाराज के पावन सान्निध्य में श्री हनुमान मंदिर से हुई। रथ यात्रा में पारंपरिक वाद्य यंत्रों, ढोल-नगाड़ों और झांकियों ने माहौल को उत्सवमय बना दिया। जगह-जगह लोगों ने फूलों की वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। यह Anangpal Tomar Shobha Yatra 2025 की सबसे उल्लेखनीय विशेषता थी – सामाजिक समरसता और एकजुटता।

चिल्ला माता मंदिर पर शोभायात्रा का समापन
शोभायात्रा का समापन तोमर समाज की कुलदेवी चिल्ला माता मंदिर पर हुआ, जहाँ महाराजा अनंगपाल सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। यह मंदिर मोरेना जिले के अंबाह क्षेत्र में चंबल नदी के किनारे स्थित है और तोमर समुदाय के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है।
जनता का उत्साह और आयोजन की भव्यता
इस ऐतिहासिक शोभायात्रा में DJ रथ, 50 से अधिक चार पहिया वाहन, सैकड़ों मोटरसाइकिल, और पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या शामिल रही। लोगों ने पारंपरिक परिधानों में सजधजकर भाग लिया और तोमर वंश की गौरवगाथा को दोहराते हुए झंडों और जयघोषों के साथ आगे बढ़ते गए।
यात्रा मार्ग को विभिन्न स्थानों पर समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वागत द्वार और पुष्पवर्षा के माध्यम से सुसज्जित किया गया। प्रत्येक स्थान पर समाज के बंधुओं ने उत्साहपूर्वक स्वागत कर अपनी आस्था और एकता का परिचय दिया।

मुख्य स्वागत स्थल और समाज सेवियों का योगदान
- पोरसा चौराहा – हरेंद्र गुप्ता जी की टीम ने भव्य स्वागत किया
- गुलशन तोमर के आवास के सामने – समाजजनों ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया
- दिनना पान वाले के पास – वारिस अली और उनकी टीम द्वारा श्रद्धापूर्वक सम्मान
- नगर पालिका चौराहा – उपाध्यक्ष राजू तोमर की टीम द्वारा मंचीय स्वागत
- रेस्ट हाउस के सामने – बृजकिशोर सखवार और उनकी टीम ने सामाजिक सौहार्द दिखाया
- शेर सिंह तोमर का मकान – अंकुश तोमर (करणी सेना जिला अध्यक्ष) के नेतृत्व में स्वागत
- मुरैना चौराहा – विधायक देवेंद्र सिंह सखवार की टीम द्वारा राजनीतिक सहभागिता
- रानपुर चौराहा – हनुमत सिंह तोमर एवं थोका पूरा टीम द्वारा पारंपरिक स्वागत
प्रतिभा सम्मान समारोह
प्रतिभाशाली छात्रों को तोमर समाज द्वारा स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसमें छात्रों के साथ-साथ समाजसेवी और विशिष्ट अतिथि भी शामिल रहे। इन सभी युवाओं को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। यह समाज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बना।
बाबा बालकदास महाराज का संदेश
बाबा बालकदास महाराज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “शिक्षा और संस्कृति से ही समाज का उत्थान संभव है। महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर जैसे महापुरुषों की परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आज की युवा पीढ़ी की है।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे शिक्षा, सेवा और संस्कृति के मार्ग पर चलें और समाज के निर्माण में योगदान दें।
सामाजिक एकजुटता की मिसाल
Anangpal Tomar Shobha Yatra 2025 के आयोजन में न सिर्फ तोमर समाज बल्कि अन्य समुदायों के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह आयोजन सामाजिक एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरा।
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मीडिया की मौजूदगी और कवरेज
यह आयोजन इतना भव्य था कि पत्रिका जैसे प्रमुख समाचार पत्र ने इसे अपने प्रथम पृष्ठ पर प्रमुखता से स्थान दिया। इससे आयोजन की महत्ता और सफल आयोजन की पुष्टि होती है।
क्यों महत्वपूर्ण है Anangpal Tomar Shobha Yatra 2025?
- ऐतिहासिक स्मरण – युवाओं को अपनी विरासत से जोड़ता है।
- सांस्कृतिक संरक्षण – रीति-रिवाज और परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन।
- सामाजिक प्रेरणा – विद्यार्थियों को सम्मानित कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देना।
- सामुदायिक एकजुटता – समाज को एक मंच पर लाना।
Anangpal Tomar Shobha Yatra 2025 सिर्फ एक धार्मिक या पारंपरिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सशक्त सामाजिक आंदोलन है, जो समाज को उसकी जड़ों से जोड़ता है, संस्कृति को पुनर्जीवित करता है और नई पीढ़ी को उनके इतिहास से अवगत कराता है। इस आयोजन ने सिद्ध कर दिया कि अगर समाज एकजुट हो तो इतिहास भी दोहराया जा सकता है।
Anangpal Tomar Shobha Yatra FAQs
Q1: Anangpal Singh Tomar Shobha Yatra 2025 कहाँ आयोजित हुई?
→ यह यात्रा मध्यप्रदेश के अंबाह नगर से शुरू होकर चिल्ला माता मंदिर पर सम्पन्न हुई।
Q2: Anangpal Tomar Shobha Yatra का उद्देश्य क्या था?
→ तोमर वंश के गौरवशाली इतिहास और समाज में एकता की भावना को पुनर्जीवित करना।
Q3: Anangpal Tomar Shobha Yatra में कौन-कौन सम्मिलित हुए?
→ हजारों श्रद्धालु, समाजजन, महिलाएं, युवा, बाबा बालकदास महाराज और कई सम्मानित अतिथि।
Q4: चिल्ला माता मंदिर का क्या महत्व है?
→ यह तोमर समाज की कुलदेवी का मंदिर है, जहाँ महाराजा अनंगपाल सिंह की मूर्ति भी स्थापित है।
Q5: क्या Anangpal Tomar Shobha Yatra आयोजन हर वर्ष होता है?
→ हाँ, यह तोमर समाज द्वारा प्रतिवर्ष भव्य रूप से आयोजित किया जाता है।