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ओडिशा विश्वविद्यालय में NEPALI ENGINEERING STUDENT की आत्महत्या: उत्पीड़न की शिकायत के बाद भी प्रशासन ने नजरअंदाज किया

On: March 8, 2025 1:06 AM
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यह समाचार एक 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा के निधन से जुड़ा हुआ है, जो ओडिशा विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही थी। यह घटना आत्महत्या की वजह से हुई है, और छात्रा के साथ कुछ समय से मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न की खबरें सामने आई हैं। इस दर्दनाक घटना ने ना केवल उनके परिवार और दोस्तों को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर में गहरी चिंता और शोक का माहौल बना दिया है।

ओडिशा विश्वविद्यालय में नेपाली इंजीनियरिंग छात्रा की आत्महत्या

नेपाली छात्रा का निधन: उत्पीड़न के कारण आत्महत्या?

नेपाली छात्रा, जो ओडिशा के एक प्रमुख विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी, के बारे में बताया गया है कि उसने अपने सहपाठी द्वारा किए गए उत्पीड़न के बारे में प्रशासन को सूचित किया था। यह घटना उस समय हुई जब छात्रा ने कुछ महीने पहले ही विश्वविद्यालय प्रशासन को यह आरोप लगाया था कि एक बैचमेट उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। हालाँकि, प्रशासन द्वारा इस मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, और यह उत्पीड़न जारी रहा।

शायद इस सब का परिणाम यह था कि वह अपनी मानसिक स्थिति से जूझते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर हो गई। यह घटना उस समय सामने आई जब उसके दोस्तों और सहपाठियों ने बताया कि वह अक्सर परेशान और उदास रहती थी। छात्रा के परिवार और दोस्त इस घटना के बाद गहरे सदमे में हैं और उन्हें न्याय की उम्मीद है।

छात्रा का उत्पीड़न और प्रशासन की नाकामी

यह घटना उस सिस्टम की नाकामी को उजागर करती है, जो छात्राओं और छात्रों को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए जिम्मेदार है। जब एक छात्रा ने मदद के लिए प्रशासन से संपर्क किया, तो उन्हें कोई ठोस कदम नहीं मिला। क्या यह लापरवाही थी या एक और बड़ी समस्या का हिस्सा, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

इसीलिए, इस घटना ने समाज और शिक्षा संस्थानों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वास्तव में उन छात्रों और छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य की सही तरीके से देखभाल कर रहे हैं, जो शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करते हैं?

समाज की जिम्मेदारी और भविष्य की दिशा

यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास के लोगों, खासकर युवाओं, की मानसिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए। आत्महत्या एक गंभीर विषय है और हमें इसे सिर्फ एक दुर्घटना या “अचानक हुआ” घटना नहीं समझना चाहिए। हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी उत्पीड़न से बच न जाए।

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Mohit Singh Tomar

My name is Mohit Singh Tomar, a passionate student and aspiring journalist from Morena, Madhya Pradesh. With a keen interest in news writing and digital media, I created Khabar Apke Dwar to deliver accurate, timely, and engaging news updates to readers across India. I strive to ensure that every headline reaches you with clarity, credibility, and commitment.

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