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Dev Uthani Ekadashi 2025: भगवान विष्णु का जागरण और शुभ कार्यों की शुरुआत

On: October 31, 2025 6:36 PM
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Dev Uthani Ekadashi 2025

पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी 2025 की एकादशी तिथि 1 नवंबर 2025 (शनिवार) की सुबह 09:11 बजे से प्रारंभ होकर 2 नवंबर 2025 (रविवार) की सुबह 07:31 बजे तक रहेगी।
व्रत और पूजा का शुभ दिन 2 नवंबर 2025 (रविवार) को मनाया जाएगा।

Dev Uthani Ekadashi 2025 Muhurat: व्रत का शुभ समय

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 नवंबर 2025 – सुबह 09:11 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 2 नवंबर 2025 – सुबह 07:31 बजे
  • पारण (व्रत तोड़ने का समय): 2 नवंबर 2025 सूर्योदय के बाद स्थानीय पंचांग अनुसार

इस दिन विष्णु जी और तुलसी जी की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है।

Dev Uthani Ekadashi 2025 Importance: देवउठनी एकादशी का धार्मिक महत्व

देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के जागरण का दिन कहा जाता है।
चतुर्मास के चार महीनों तक भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं और इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
देवउठनी एकादशी के दिन से ही विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत दोबारा होती है।

Tulsi Vivah 2025: देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का महत्व

देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु (शालिग्राम रूप में) का विवाह देवी तुलसी से होता है।
यह विवाह धरती पर पवित्रता और शुभता का प्रतीक है।
विवाह में बाधा झेल रहे लोगों के लिए यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

Tulsi Vivah celebration during Dev Uthani Ekadashi with decorations and rituals.
Tulsi Vivah marks the divine union of Tulsi and Lord Vishnu on Dev Uthani Ekadashi.

Dev Uthani Ekadashi Vrat Vidhi 2025: व्रत करने की विधि

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र का पूजन करें।
  3. तुलसी दल, पीले पुष्प, दीपक और धूप अर्पित करें।
  4. विष्णु मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप करें।
  5. रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
  6. अगले दिन पारण के समय फलाहार या सात्विक भोजन करें।
Dev Uthani Ekadashi Puja Vidhi at home with Tulsi and Lord Vishnu worship.
Devotees performing Dev Uthani Ekadashi Puja with devotion and purity.

Dev Uthani Ekadashi Katha: देवउठनी एकादशी की पौराणिक कथा

एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने देवताओं से कहा कि वे चार महीने के लिए क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाएंगे, ताकि सृष्टि के संचालन का भार देवी-देवताओं पर रहे। जब भगवान विष्णु सो गए, तो इस अवधि में पृथ्वी पर सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ आदि करना निषिद्ध हो गया।

चार महीने बाद जब कार्तिक शुक्ल एकादशी आई, तब माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से जगने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा — “प्रभु, आपके बिना संसार के सभी कार्य रुक गए हैं, कृपा करके अब आप जाग जाइए।”

तब भगवान विष्णु ने मुस्कराते हुए कहा — “देवताओं, मनुष्यों और समस्त प्राणियों के कल्याण के लिए मैं अब योगनिद्रा से जाग रहा हूँ।”

इसके बाद सभी देवताओं ने पुष्पवृष्टि की और भगवान का स्वागत किया। उसी दिन से यह परंपरा चली आ रही है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का जागरण किया जाता है और शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।

Dev Uthani Ekadashi Ke Din Kya Karen Aur Kya Na Karen

क्या करें

  • प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें
  • भगवान विष्णु और तुलसी जी की पूजा करें
  • दान-पुण्य करें और गरीबों की सहायता करें
  • दिनभर भक्ति और मन की शांति बनाए रखें

क्या न करें

  • मांस, शराब या तामसिक भोजन से परहेज करें
  • किसी का अपमान या झूठ बोलने से बचें
  • दिनभर आलस्य या क्रोध न करें

Dev Uthani Ekadashi 2025 Ke Baad Shubh Karya Kab Se Shuru Honge?

देवउठनी एकादशी के बाद चतुर्मास समाप्त होता है।
इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय, वाहन या घर खरीदना जैसे सभी शुभ कार्य दोबारा प्रारंभ किए जा सकते हैं।
इसलिए इसे “शुभ कार्यों की शुरुआत का दिन” भी कहा जाता है।

Ekadashi November 2025 List: नवंबर 2025 की एकादशियां

एकादशी का नामतिथिदिन
देवउठनी एकादशी1-2 नवंबर 2025शनिवार-रविवार
उत्पन्ना एकादशी15 नवंबर 2025शनिवार

Dev Uthani Ekadashi 2025: निष्कर्ष

Dev Uthani Ekadashi 2025 केवल एक धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि भगवान विष्णु के जागरण और शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन व्रत और पूजा करने से मनुष्य को असीम पुण्य की प्राप्ति होती है तथा उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भगवान विष्णु और देवी तुलसी के दिव्य मिलन का प्रतीक है, जो भक्ति और प्रेम का संदेश देता है।

जो भी श्रद्धा और पूर्ण विश्वास से देवउठनी एकादशी व्रत करता है, उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
इस पावन पर्व पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना अवश्य करें और अपने जीवन को धर्म, भक्ति और शुभता से प्रकाशित करें।

Dev Uthani Ekadashi 2025 FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. Dev Uthani Ekadashi 2025 किस दिन है?
➡️ देवउठनी एकादशी 2025 रविवार, 2 नवंबर को मनाई जाएगी।

Q2. देवउठनी एकादशी पर क्या करना चाहिए?
➡️ भगवान विष्णु और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए, व्रत रखना चाहिए और रात्रि में जागरण करना चाहिए।

Q3. देवउठनी एकादशी के बाद कौन-कौन से शुभ कार्य शुरू हो सकते हैं?
➡️ विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना, गाड़ी या घर खरीदना जैसे सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

Q4. देवउठनी एकादशी को किस नाम से जाना जाता है?
➡️ इसे प्रबोधिनी एकादशी, देवुत्थान एकादशी और ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है।

Q5. क्या तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी पर ही किया जाता है?
➡️ हां, तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के दिन ही किया जाता है।

Deependra Singh

I am Deependra Singh from Morena district, Madhya Pradesh. I have a deep interest in religious knowledge and like to write about common public issues. Through my articles, I try to share true and valuable information with people.

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