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Gold and Silver Prices Today: दिवाली पर क्या करें और कब खरीदें?

On: October 20, 2025 3:03 PM
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gold and silver prices

भारत में दिवाली न केवल रोशनी और खुशियों का त्योहार है, बल्कि यह पारंपरिक रूप से निवेश और समृद्धि से भी जुड़ा हुआ है। इस बार gold and silver prices में आई जोरदार तेजी ने निवेशकों और ज्वेलरी कारोबारियों दोनों को नई उम्मीद दी है। दिवाली के मौके पर सोना-चांदी की कीमतों में मजबूत वापसी देखी गई, जिससे बाजार में जबरदस्त हलचल मच गई।

सोना और चांदी दोनों में आया उछाल

भारत में सोने और चांदी की कीमतों में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर फ्यूचर गोल्ड की कीमतें ₹1,27,990 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं। वहीं, दिसंबर चांदी फ्यूचर की दर ₹1,58,126 प्रति किलोग्राम रही।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह उछाल केवल त्योहारी मांग के कारण नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक माहौल, डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी Federal Reserve की नीतिगत संभावनाओं से भी जुड़ा हुआ है।

चांदी में भी पिछले सप्ताह लगभग 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो दर्शाता है कि निवेशकों ने ‘वेल्यू बायिंग’ (value buying) की रणनीति अपनाई है — यानी जब कीमतें कुछ हद तक नीचे आईं, तब उन्होंने भारी निवेश किया।

सोना और चांदी दोनों में आया उछाल
सोना और चांदी दोनों में आया उछाल

वैश्विक बाजार में क्या हो रहा है?

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी यही रुझान देखने को मिला। अमेरिकी कॉमेक्स (COMEX) पर दिसंबर गोल्ड फ्यूचर लगभग 1.48 प्रतिशत की तेजी के साथ ट्रेड कर रहे थे। डॉलर इंडेक्स (DXY) की कमजोरी ने वैश्विक स्तर पर सोने की चमक बढ़ा दी।

वहीं, मध्य-पूर्व और पूर्वी यूरोप के भू-राजनीतिक तनाव भी सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूती दे रहे हैं। निवेशक इक्विटी और क्रिप्टो जैसे जोखिम भरे एसेट से हटकर अब सोना-चांदी जैसे भरोसेमंद विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।

दिवाली पर निवेश की परंपरा और बाजार पर असर

भारत में दिवाली और धनतेरस के दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है। यह न केवल सांस्कृतिक परंपरा है बल्कि निवेश (Investment) का भी अहम अवसर है। ज्वेलर्स का कहना है कि इस बार त्योहारी मांग पिछले वर्ष की तुलना में 20-25 प्रतिशत अधिक रही।

निवेशकों ने सिर्फ आभूषण ही नहीं, बल्कि Digital Gold, Sovereign Gold Bonds, और ETFs (Exchange Traded Funds) में भी दिलचस्पी दिखाई है। इससे स्पष्ट है कि भारतीय बाजार में सोने-चांदी को फिर से एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

Gold and Silver Prices में बढ़ोतरी के प्रमुख कारण

1. डॉलर इंडेक्स में गिरावट

जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोना अन्य मुद्राओं में सस्ता हो जाता है, जिससे उसकी मांग बढ़ जाती है। हाल के हफ्तों में डॉलर इंडेक्स में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसका सीधा लाभ सोने-चांदी को मिला।

2. अमेरिकी ब्याज दरों में कमी की उम्मीद

Fed Reserve के इस संकेत के बाद कि वह वर्ष के अंत तक ब्याज दर घटा सकता है, निवेशक सोने-चांदी की ओर आकर्षित हो गए हैं। कम ब्याज दर का मतलब है कि सोना रखने की ‘Opportunity Cost’ कम हो जाती है।

3. भू-राजनीतिक तनाव

यूक्रेन-रूस संघर्ष और मध्य-पूर्व के तनाव ने वैश्विक आर्थिक माहौल को अस्थिर बनाया है। ऐसे समय में सोना और चांदी को सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिससे इनकी कीमतें स्वाभाविक रूप से बढ़ गईं।

4. त्योहारी मांग और भारतीय बाजार

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश है। दिवाली, धनतेरस और शादी के मौसम में सोने-चांदी की खरीद स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। इस बार त्योहारी मांग ने कीमतों को और ऊपर धकेला।

5. औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी

चांदी सिर्फ आभूषणों के लिए नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और औद्योगिक उपकरणों में भी उपयोग होती है। इन क्षेत्रों की मांग बढ़ने से silver prices में तेजी आई है।

Gold and Silver Prices में बढ़ोतरी
Gold and Silver Prices में बढ़ोतरी

विशेषज्ञों की राय

वित्तीय विश्लेषक माना रहे हैं कि यह तेजी अस्थायी नहीं है। सोने-चांदी का यह रुझान आने वाले 6-12 महीनों तक जारी रह सकता है।
Motilal Oswal Financial Services के वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा कि, “अगर डॉलर कमजोर रहा और Fed दरें घटाता है, तो सोने की कीमतें ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं।”

Kotak Securities के अनुसार, चांदी की औद्योगिक मांग 2026 तक लगातार बढ़ने की संभावना है, जिससे silver prices में स्थिर वृद्धि देखी जा सकती है।

निवेशकों के लिए मार्गदर्शन

लॉन्ग-टर्म निवेश पर ध्यान दें

यदि आप सोना या चांदी में निवेश कर रहे हैं, तो कम से कम 3-5 साल का दृष्टिकोण रखें। यह एक स्थिर रिटर्न वाला विकल्प है।

डिजिटल गोल्ड और ETF का उपयोग करें

आजकल लोग फिजिकल गोल्ड की बजाय Digital Gold या ETFs में निवेश कर रहे हैं। ये सुरक्षित, आसान और कम जोखिम वाले विकल्प हैं।

विविधता (Diversification) बनाए रखें

अपने पोर्टफोलियो में केवल सोना-चांदी पर निर्भर न रहें। शेयर, बॉन्ड और अन्य एसेट्स का मिश्रण रखना हमेशा बेहतर रहता है।

कीमतों पर नजर रखें

त्योहार के समय में भाव बढ़ सकते हैं। यदि कीमतें बहुत ऊंची लगें, तो खरीद थोड़ी धीरे-धीरे करें या डॉलर की गिरावट का इंतजार करें।

निवेशकों के लिए मार्गदर्शन
निवेशकों के लिए मार्गदर्शन

अगर कीमतें गिरें तो क्या करें?

सोने-चांदी की कीमतें हमेशा स्थिर नहीं रहतीं। वैश्विक कारकों जैसे तेल कीमतें, डॉलर इंडेक्स, और ब्याज दरें बदलने से यह प्रभावित हो सकती हैं।
अगर gold and silver prices थोड़ी गिरावट दिखाएं, तो यह खरीद का अवसर हो सकता है। विशेषज्ञ इसे “करेक्शन फेज” कहते हैं, जहां लंबे समय के निवेशक एंट्री ले सकते हैं।

आने वाले महीनों में क्या रहेगा रुझान?

बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि 2026 की पहली तिमाही तक gold and silver prices में 10-12 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है।
भारत में शादी का मौसम शुरू होने से ज्वेलरी डिमांड भी बढ़ेगी, जो कीमतों को सपोर्ट देगी। इसके साथ ही यदि अमेरिका में दर कटौती हुई, तो यह वैश्विक बाजार के लिए अच्छा संकेत होगा।

निष्कर्ष

दिवाली के समय सोना और चांदी ने जो मजबूत वापसी की है, वह सिर्फ त्योहारी उत्साह का नतीजा नहीं है। यह वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, डॉलर की कमजोरी, और निवेशकों की मानसिकता का संयोजन है।
Gold and Silver Prices में यह तेजी यह संकेत देती है कि इन कीमती धातुओं में अभी भी विश्वास और मूल्य दोनों मजबूत हैं।

निवेशकों के लिए यह समय विचारशील निर्णय लेने का है — क्योंकि सोना-चांदी न केवल धन का प्रतीक हैं, बल्कि लंबे समय के लिए सुरक्षा का साधन भी हैं।

FAQ: Gold and Silver Prices से जुड़े आम सवाल

Q1. क्या दिवाली के बाद सोने की कीमतें और बढ़ेंगी?
हाँ, विशेषज्ञों का अनुमान है कि ब्याज दरों में कटौती और वैश्विक मांग में वृद्धि से सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।

Q2. क्या अभी सोने में निवेश करना सही रहेगा?
यदि आपका निवेश दृष्टिकोण लंबी अवधि का है (3-5 वर्ष), तो यह सही समय है क्योंकि कीमतों में भविष्य में और बढ़ोतरी की संभावना है।

Q3. चांदी में निवेश कितना सुरक्षित है?
चांदी औद्योगिक मांग और ऊर्जा क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों से लाभान्वित हो रही है। यह मध्यम अवधि के लिए अच्छा निवेश विकल्प है।

Q4. Digital Gold और Physical Gold में क्या फर्क है?
Digital Gold ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीदा जाता है और इसे फिजिकली स्टोर करने की जरूरत नहीं होती, जबकि फिजिकल गोल्ड में सुरक्षा और शुद्धता का ध्यान रखना पड़ता है।

Q5. क्या सोने-चांदी की कीमतें एक साथ बढ़ती हैं?
अक्सर दोनों में एक जैसा रुझान रहता है, लेकिन चांदी की कीमतें औद्योगिक मांग के कारण ज्यादा अस्थिर होती हैं।

Mohit Singh Tomar

My name is Mohit Singh Tomar, a passionate student and aspiring journalist from Morena, Madhya Pradesh. With a keen interest in news writing and digital media, I created Khabar Apke Dwar to deliver accurate, timely, and engaging news updates to readers across India. I strive to ensure that every headline reaches you with clarity, credibility, and commitment.

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