भारत में वैवाहिक जीवन की पवित्रता और पति-पत्नी के बीच प्रेम का प्रतीक है Karwa Chauth 2025। यह दिन सिर्फ एक धार्मिक व्रत नहीं बल्कि एक भावनात्मक बंधन का उत्सव है। इस दिन विवाहित महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और भगवान शिव-पार्वती से अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं।
Karwa Chauth 2025 Date (तिथि और दिन)
- तारीख: शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 10 अक्टूबर सुबह 6:21 बजे
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर सुबह 4:49 बजे
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और माता पार्वती दोनों से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस साल Karwa Chauth 2025 का पर्व विशेष रूप से शुभ और मंगलकारी रहेगा।
Karwa Chauth 2025 Puja Muhurat (पूजा मुहूर्त)
- पूजा का शुभ समय: शाम 5:32 बजे से 7:10 बजे तक
- चंद्रोदय (चाँद निकलने का समय): रात 8:28 बजे
इस समय में महिलाएं करवा चौथ की पूजा करती हैं, कथा सुनती हैं और चाँद को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करती हैं।
Karwa Chauth 2025 Bhadra Kaal (भद्रा काल)
अक्सर लोग यह प्रश्न करते हैं कि “क्या इस बार करवा चौथ पर भद्रा है?”
तो आपको बता दें कि इस वर्ष Karwa Chauth 2025 के दिन भद्रा काल नहीं रहेगा।
- भद्रा काल: 9 अक्टूबर को दोपहर 12:37 बजे से रात 10:54 बजे तक रहेगा।
- यानी 10 अक्टूबर को जब व्रत और पूजा होगी, तब भद्रा समाप्त हो चुकी होगी।
इसलिए इस साल करवा चौथ का व्रत बिना किसी बाधा या अशुभ प्रभाव के शुद्ध रूप से किया जा सकेगा।
Karwa Chauth 2025 Puja Vidhi (पूजा विधि)
करवा चौथ का व्रत बहुत ही पवित्र माना गया है, और इसे नियमपूर्वक करना आवश्यक है।
1. प्रातःकाल की तैयारी और संकल्प
सुबह स्नान कर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की आराधना करें।
फिर संकल्प लें —
“मैं आज निर्जला करवा चौथ व्रत अपने पति की दीर्घायु, सुख और समृद्धि के लिए रख रही हूँ।”
2. सरगी ग्रहण करना
सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई ‘सरगी’ खाएँ। इसमें फल, मेवे, मिठाइयाँ और हल्का भोजन होता है। यह दिनभर की शक्ति का स्रोत बनता है।
3. पूजा की तैयारी
शाम को पूजा स्थान को सजाएँ। वहाँ पर मिट्टी का करवा (कलश), दीपक, फूल, चावल, मिठाई, रोली, चंदन, छलनी और चाँद का अर्घ्य देने के लिए थाली तैयार रखें।
4. कथा श्रवण
सभी महिलाएँ एक साथ बैठकर करवा चौथ की कहानी सुनती हैं। यह कथा माता पार्वती की तपस्या और एक सच्ची पत्नी के समर्पण की मिसाल है।
5. चाँद निकलने के बाद व्रत खोलना
जब चाँद दिखाई दे, तब महिलाएँ छलनी से चाँद को देखती हैं, अर्घ्य देती हैं और फिर अपने पति का चेहरा देखती हैं। पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोला जाता है।
Karwa Chauth 2025 Rules (व्रत के नियम)
- व्रत निर्जला रखें — यानी बिना पानी या अन्न ग्रहण किए।
- झूठ, क्रोध या अपमान से दूर रहें।
- पूरे दिन मन में सकारात्मक विचार और भक्ति का भाव रखें।
- व्रत खोलने से पहले किसी भी प्रकार का भोजन न करें।
- शाम की पूजा और कथा में परिवार की अन्य सुहागिनों के साथ शामिल हों।
Karwa Chauth Ki Kahani (करवा चौथ की कथा)
बहुत समय पहले एक साहूकार की सात पुत्रियाँ और एक छोटी बेटी वीरावती थी। सभी बहनें हर साल की तरह करवा चौथ का व्रत रखती थीं। वीरावती सबसे छोटी थी और उसे बहुत भूख-प्यास लग रही थी।
उसके भाइयों को अपनी बहन पर दया आई और उन्होंने चाल चली। उन्होंने एक दर्पण और दीपक से ऐसा भ्रम पैदा किया कि ऐसा लगे जैसे चाँद निकल आया हो। वीरावती ने बिना चाँद के असली दर्शन किए व्रत तोड़ दिया।
व्रत तोड़ते ही उसके पति की मृत्यु हो गई। वह व्याकुल होकर रोने लगी और देवी पार्वती की आराधना करने लगी। माता पार्वती प्रकट हुईं और बोलीं —
“बेटी, तुमने अधूरा व्रत तोड़ा है, इसलिए यह दुख मिला है। अब तुम पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत रखो, तुम्हारा पति पुनः जीवित हो जाएगा।”
वीरावती ने अगले वर्ष पूरे श्रद्धा से व्रत किया और उसके पति को नया जीवन मिला। तब से यह परंपरा चलती आ रही है कि करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु और दांपत्य सुख के लिए रखा जाता है।
Karwa Chauth 2025 Significance (महत्व)
करवा चौथ नारी शक्ति, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है।
माना जाता है कि माता पार्वती ने स्वयं भगवान शिव के लिए यह व्रत रखा था। इसलिए यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
Karwa Chauth 2025 में जब महिलाएं अपने पति के लिए पूरे दिन उपवास रखती हैं, तो यह उनके अटूट प्रेम, विश्वास और आस्था का प्रतीक बन जाता है।
Karwa Chauth 2025 निष्कर्ष
इस वर्ष Karwa Chauth 2025 शुक्रवार, 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
भद्रा काल इस दिन नहीं रहेगा, इसलिए यह दिन पूरी तरह से शुभ रहेगा। पूजा का समय शाम 5:32 से 7:10 बजे तक रहेगा और चाँद रात 8:28 बजे निकलेगा।
करवा चौथ सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच के प्रेम, भरोसे और एक-दूसरे के लिए समर्पण का त्योहार है।
अगर आप पूरे मन, श्रद्धा और भक्ति से यह व्रत करती हैं, तो निश्चित रूप से आपके जीवन में सौभाग्य, सुख और समृद्धि का वास होगा।
Karwa Chauth 2025 – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. Karwa Chauth 2025 कब है?
करवा चौथ 2025 इस साल शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन सुहागिनों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि इस वर्ष व्रत के दिन भद्रा काल नहीं रहेगा।
Q2. Karwa Chauth 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है?
इस वर्ष करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:32 बजे से 7:10 बजे तक रहेगा। इसी समय भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है।
Q3. Karwa Chauth 2025 में चाँद कब निकलेगा?
इस साल Karwa Chauth 2025 में चाँद रात 8:28 बजे निकलेगा। महिलाएं छलनी से चाँद को देखकर अर्घ्य देती हैं और फिर अपने पति का चेहरा देखकर व्रत खोलती हैं।
Q4. क्या Karwa Chauth 2025 में भद्रा काल रहेगा?
नहीं, करवा चौथ 2025 के दिन भद्रा काल नहीं रहेगा। भद्रा काल 9 अक्टूबर को दोपहर 12:37 बजे से रात 10:54 बजे तक रहेगा और 10 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा।
Q5. करवा चौथ की कहानी क्या है?
कथा के अनुसार, साहूकार की बेटी वीरावती ने अधूरा व्रत तोड़ने से अपने पति को खो दिया था। बाद में माता पार्वती की कृपा से उसने पूरे विधि-विधान से व्रत रखा और उसके पति को नया जीवन मिला। तभी से यह व्रत पति की दीर्घायु और सौभाग्य के लिए किया जाता है।
Q6. Karwa Chauth 2025 व्रत के नियम क्या हैं?
सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें, दिनभर निर्जला व्रत रखें, झूठ और क्रोध से बचें, शाम को पूजा करें, कथा सुनें और चाँद देखने के बाद ही व्रत खोलें।
Q7. Karwa Chauth 2025 का व्रत कौन रख सकता है?
मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं, लेकिन कई अविवाहित लड़कियाँ भी इसे अपने भावी जीवनसाथी की मंगलकामना के लिए रखती हैं।
Q8. क्या Karwa Chauth 2025 के दिन सरगी खाना जरूरी है?
हाँ, सरगी करवा चौथ व्रत का अहम हिस्सा है। इसे सूर्योदय से पहले खाया जाता है ताकि दिनभर शक्ति बनी रहे। यह सास द्वारा दी जाती है और इसमें फल, मिठाइयाँ और सूखे मेवे होते हैं।
Q9. Karwa Chauth 2025 का व्रत तोड़ने का सही तरीका क्या है?
चाँद देखने के बाद छलनी से चाँद को देखें, अर्घ्य दें, फिर पति का चेहरा देखें और उसके हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलें।
Q10. Karwa Chauth 2025 का धार्मिक महत्व क्या है?
यह व्रत पति-पत्नी के प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि श्रद्धा और भक्ति से किया गया करवा चौथ व्रत अखंड सौभाग्य, समृद्धि और वैवाहिक सुख प्रदान करता है।