भारतीय राजनीति में उपराष्ट्रपति पद हमेशा से एक महत्वपूर्ण संवैधानिक और राजनीतिक संतुलन का प्रतीक रहा है। इस बार NDA (National Democratic Alliance) ने तमिलनाडु से आने वाले वरिष्ठ नेता CP Radhakrishnan को Vice President Candidate बनाकर एक बड़ा दांव खेला है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या भाजपा का यह “साउथ कार्ड” भारतीय राजनीति की तस्वीर बदल सकता है?
CP Radhakrishnan कौन हैं?
सी.पी. राधाकृष्णन दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु की राजनीति का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं। वे दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और लंबे समय तक भाजपा संगठन से जुड़े रहे। फिलहाल वे झारखंड के राज्यपाल हैं और भाजपा के उन नेताओं में से हैं जिनका साउथ में मजबूत पकड़ और साफ छवि है।
NDA की रणनीति: साउथ पर फोकस
भाजपा और NDA के लिए दक्षिण भारत हमेशा से चुनौतीपूर्ण इलाका रहा है। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। ऐसे में CP Radhakrishnan को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना एक सोची-समझी रणनीति मानी जा रही है। यह कदम न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे दक्षिण भारत के मतदाताओं को राजनीतिक संदेश देने की कोशिश है।
उप-राष्ट्रपति चुनाव अचानक क्यों हो रहा है?
उप-राष्ट्रपति चुनाव इस बार तय समय से पहले कराया जा रहा है क्योंकि मौजूदा उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने निजी कारणों से पद छोड़ दिया है। ऐसे हालात में संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार रिक्त पद को भरने के लिए तुरंत चुनाव कराना ज़रूरी हो गया। इसी वजह से एनडीए ने CP Radhakrishnan को उम्मीदवार बनाया है और यह चुनाव अचानक सुर्खियों में आ गया है।
विपक्ष की रणनीति और चुनौतियां
विपक्षी दल पहले से ही राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के सामने कमजोर दिखे थे। अब उपराष्ट्रपति चुनाव में भी NDA का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। विपक्ष के सामने न केवल उम्मीदवार चुनने की चुनौती है, बल्कि साउथ के मुद्दे पर भाजपा की चाल का जवाब देना भी मुश्किल साबित हो सकता है।
क्या बदल सकता है राजनीतिक समीकरण?
- साउथ इंडिया में पैठ: भाजपा को उम्मीद है कि इस फैसले से दक्षिण भारत के मतदाताओं में सकारात्मक संदेश जाएगा।
- राष्ट्रीय स्तर पर संतुलन: एक दक्षिण भारतीय नेता को शीर्ष संवैधानिक पद पर लाना भाजपा की राष्ट्रीय स्वीकार्यता को मजबूत करेगा।
- विपक्ष पर दबाव: विपक्ष को रणनीतिक तौर पर चौंकाने के साथ भाजपा ने राजनीतिक बढ़त हासिल करने की कोशिश की है।
CP Radhakrishnan NDA Vice President Candidate बनकर भाजपा ने यह साफ संकेत दिया है कि वह दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अब हर स्तर पर गंभीर है। हालांकि, यह दांव कितना सफल होगा, इसका जवाब आने वाला समय देगा, लेकिन इतना तय है कि यह चुनाव भारतीय राजनीति में नए समीकरण बनाने की क्षमता रखता है।
FAQ: CP Radhakrishnan NDA Vice President Candidate
Q1. CP Radhakrishnan कौन हैं?
CP Radhakrishnan भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने तमिलनाडु में पार्टी संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
Q2. उन्हें NDA का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों बनाया गया?
NDA ने उन्हें इसलिए चुना क्योंकि वे दक्षिण भारत से आते हैं। भाजपा चाहती है कि उसका राजनीतिक प्रभाव साउथ में बढ़े और वहां के मतदाताओं में यह संदेश जाए कि पार्टी क्षेत्रीय संतुलन को महत्व देती है।
Q3. वर्तमान उपराष्ट्रपति चुनाव क्यों हो रहा है?
यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के कारण हो रहा है। हर 5 साल पर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव अनिवार्य होता है।
Q4. भाजपा के लिए यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है?
भाजपा के लिए यह चुनाव सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि रणनीति का हिस्सा है। पार्टी चाहती है कि साउथ इंडिया में उसकी पकड़ मज़बूत हो और विपक्ष को कड़ा संदेश मिले।
Q5. क्या विपक्ष इसका विरोध कर रहा है?
हाँ, विपक्षी दलों ने इसे भाजपा की “साउथ पॉलिटिक्स” की रणनीति बताया है। हालांकि, संख्या बल में NDA की स्थिति मज़बूत है, इसलिए परिणाम लगभग तय माना जा रहा है।
Q6. उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?
इस चुनाव में सांसद वोट डालते हैं। इसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के निर्वाचित और नामित सांसद शामिल होते हैं।