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NCERT Historical Error: एनसीईआरटी की किताब में ऐतिहासिक गलती से मचा विवाद

On: August 9, 2025 7:16 AM
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NCERT Historical Error
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भारत में शिक्षा और इतिहास की सटीकता हमेशा से संवेदनशील मुद्दे रहे हैं। हाल ही में एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें NCERT Historical Error ने शिक्षा जगत में बहस छेड़ दी है। कक्षा 8 की एनसीईआरटी सामाजिक विज्ञान की किताब में एक नक्शे में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा दिखाया गया है, जो ऐतिहासिक दृष्टि से गलत है। इस गलती को चेतन्य राज सिंह नामक युवक ने उजागर किया और सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया।

गलती कैसे उजागर हुई?

NCERT Historical Error का खुलासा तब हुआ जब चेतन्य राज सिंह ने अपनी पढ़ाई के दौरान नक्शे पर गौर किया। उन्हें पता चला कि जैसलमेर, जो ऐतिहासिक रूप से राजपूत शासकों के अधीन था, को नक्शे में मराठा साम्राज्य के अंतर्गत दिखाया गया है।
उन्होंने इस गलती का स्क्रीनशॉट लेकर इसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट किया और साथ ही शिक्षा मंत्री को टैग करके इसे सुधारने की अपील की।

इतिहास में जैसलमेर का असली स्थान

जैसलमेर का इतिहास राजपूत वीरता, संस्कृति और स्वाभिमान से भरा हुआ है।

  • 12वीं सदी में रावल जैसल द्वारा इसकी स्थापना हुई।
  • जैसलमेर कभी भी मराठा साम्राज्य का हिस्सा नहीं रहा।
  • यह क्षेत्र मुख्य रूप से भाटी राजपूतों के नियंत्रण में रहा और स्वतंत्र रियासत के रूप में जाना जाता था।

इसलिए, NCERT Historical Error न केवल एक प्रिंटिंग या एडिटिंग मिस्टेक है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों को गलत इतिहास सिखाने का जोखिम भी पैदा करता है।

सोशल मीडिया और जन प्रतिक्रिया

इस मामले ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलते ही कई इतिहासकारों, शिक्षकों और छात्रों ने भी NCERT की आलोचना शुरू कर दी।

  • #NCERTHistoricalError और #CorrectHistory जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
  • कई यूज़र्स ने पुरानी किताबों और प्रामाणिक इतिहास स्रोतों के स्क्रीनशॉट साझा किए।
  • लोगों का कहना है कि ऐसी गलतियों से छात्रों की ऐतिहासिक समझ प्रभावित होती है।

सरकारी प्रतिक्रिया

इस NCERT Historical Error पर शिक्षा मंत्रालय और NCERT दोनों ने संज्ञान लिया है।

  • एनसीईआरटी के अधिकारियों ने कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे और अगर यह गलती साबित होती है तो अगले एडिशन में इसे सुधार दिया जाएगा।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि इतिहास से जुड़े कंटेंट की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई जानी चाहिए।

इतिहास में गलतियों के गंभीर परिणाम

इतिहास केवल अतीत की कहानी नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान और संस्कृति का आधार है।
अगर NCERT Historical Error जैसी गलतियाँ जारी रहती हैं तो:

  • छात्रों की ऐतिहासिक जानकारी गलत हो सकती है।
  • भविष्य में शोध और अध्ययन पर इसका असर पड़ सकता है।
  • राष्ट्रीय और सांस्कृतिक गर्व को ठेस पहुंच सकती है।

समाधान और सुझाव

ऐसी गलतियों से बचने के लिए:

  1. विशेषज्ञों की टीम से कंटेंट वेरिफिकेशन कराया जाए।
  2. किताब छापने से पहले तीन-स्तरीय समीक्षा प्रणाली अपनाई जाए।
  3. इतिहास के विषय में प्रामाणिक और बहु-स्रोत जानकारी का उपयोग हो।
  4. पब्लिक फीडबैक मैकेनिज्म लागू किया जाए ताकि गलती तुरंत रिपोर्ट हो सके।

NCERT Historical Error केवल एक किताब की गलती नहीं है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली में सुधार की ज़रूरत का संकेत है। इतिहास हमारे समाज का दर्पण है और इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि भविष्य के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एनसीईआरटी इस गलती को कैसे और कितनी जल्दी सुधारता है, ताकि आने वाली पीढ़ियां सही और सटीक इतिहास पढ़ सकें।

Rohit Tomar

मैं Rohit Tomar, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रहा हूँ। मुझे खबरें लिखना पसंद है। मेरा मानना है कि खबरें सिर्फ जानकारी नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देने का माध्यम होती हैं। "Khabar Apke Dwar" के लिए मैं सटीक, निष्पक्ष और शोध-आधारित खबरें लिखता हूँ, ताकि पाठकों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुँच सके। मेरी कोशिश रहती है कि हर विषय को सरल, स्पष्ट और रोचक तरीके से प्रस्तुत करूँ, जिससे लोग न सिर्फ पढ़ें, बल्कि समझें भी।

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