Yes Bank Scam 2025 एक बार फिर देश की वित्तीय प्रणाली में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार और लापरवाह बैंकिंग प्रथाओं को उजागर करता है। 24 जुलाई 2025 को एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में छापेमारी की। यह छापेमारी लगभग ₹3,000 करोड़ के घोटाले से जुड़ी है, जिसमें यस बैंक के जरिए संदिग्ध फंड ट्रांसफर और लोन घोटाले की बात सामने आई है।
क्या है Yes Bank Scam 2025?
Yes Bank Scam 2025 उस घोटाले की कड़ी है, जिसमें वर्ष 2017 से 2019 के बीच विभिन्न कंपनियों को गलत तरीके से लोन दिए गए और फिर उन पैसों का उपयोग शेल कंपनियों के जरिए कहीं और किया गया। ईडी ने जांच में पाया कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित तरीके से किया गया लोन फ्रॉड था।
देशभर में 35 ठिकानों पर छापे
ईडी ने इस मामले में देशभर के 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें मुंबई और दिल्ली के कई प्रतिष्ठान शामिल हैं। ये सभी ठिकाने अनिल अंबानी की कंपनियों—रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कैपिटल, और अन्य RAAGA ग्रुप कंपनियों—से जुड़े थे।
हालांकि अनिल अंबानी के निजी निवास पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन उनके बिजनेस नेटवर्क को गहराई से खंगाला गया।

घोटाले की संरचना: कैसे हुआ खेल?
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, घोटाला कई स्तरों पर हुआ—
- बैकडेटेड दस्तावेज: लोन अप्रूवल में दिनांक को पीछे से दर्ज किया गया।
- बिना जांच के निवेश: कई कंपनियों को बिना किसी वित्तीय आकलन के लोन दिया गया।
- शेल कंपनियों का प्रयोग: लोन की राशि को शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया।
- एक ही पते की कंपनियां: कई कंपनियां एक ही पते और डायरेक्टर के नाम से चल रही थीं।
- एवरग्रीनिंग ऑफ लोन: पुराने डूबते लोन को छुपाने के लिए नए लोन दिए गए।
3,000 करोड़ का फर्जीवाड़ा
ईडी के अनुसार, 2017 से 2019 के बीच Yes Bank से दिए गए लगभग ₹3,000 करोड़ के लोन सीधे या परोक्ष रूप से अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े थे। इनमें से बड़ी राशि का कोई स्पष्ट उपयोग नहीं दिखता, और फंड्स को दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया गया।
रिलायंस होम फाइनेंस की संदिग्ध ग्रोथ
सेबी ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया कि रिलायंस होम फाइनेंस का कॉरपोरेट लोन पोर्टफोलियो 2017-18 में ₹3,742 करोड़ से 2018-19 में ₹8,670 करोड़ तक बढ़ा—जो अपने आप में एक सवाल खड़ा करता है।
सेबी और CBI की रिपोर्ट
ईडी की जांच दो CBI FIRs पर आधारित है। इसके अलावा SEBI, नेशनल हाउसिंग बैंक, और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे संस्थानों ने भी ईडी को जानकारी दी है। SBI ने हाल ही में रिलायंस कम्युनिकेशन्स को ‘फ्रॉड’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
सेबी का 5 साल का प्रतिबंध
2024 में SEBI ने अनिल अंबानी और उनकी 24 संस्थाओं को 5 साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। इसके अलावा, ₹25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
जैसे ही छापेमारी की खबर सामने आई, रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में 4–5% तक गिरावट आई। निवेशकों में घबराहट और अस्थिरता देखी गई।
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रिलायंस ग्रुप का बचाव
रिलायंस ग्रुप की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि:
- अनिल अंबानी इन कंपनियों के बोर्ड का हिस्सा नहीं हैं
- ये कंपनियां अलग-अलग सूचीबद्ध इकाइयां हैं
- सभी लोन वैध और पूरी तरह सिक्योर्ड थे
- ब्याज सहित लोन की रकम चुका दी गई है
बैंकिंग सिस्टम के लिए चेतावनी
Yes Bank Scam 2025 यह दर्शाता है कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम में कॉर्पोरेट गवर्नेंस, लेंडिंग पारदर्शिता, और नियामक निगरानी को और मजबूत करने की ज़रूरत है।
निष्कर्ष
Yes Bank Scam 2025 भारत के सबसे बड़े कॉर्पोरेट घोटालों में से एक बनता जा रहा है। अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ ईडी की जांच, छापेमारी और बैंकिंग क्षेत्र में प्रभाव आने वाले समय में वित्तीय नीति और नियामक ढांचे को प्रभावित कर सकती है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह देखा जाना बाकी है कि यह मामला कानूनी सजा तक पहुंचेगा या सिर्फ एक और अधूरा घोटाला बनकर रह जाएगा।
Yes Bank Scam 2025 :FAQ
Q. Yes Bank Scam 2025 क्या है?
Yes Bank Scam 2025 एक बड़ा लोन घोटाला है जिसमें अनिल अंबानी की कंपनियों पर यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ रुपए के गलत इस्तेमाल का आरोप है।
Q. ईडी ने किन कंपनियों पर छापेमारी की?
ईडी ने रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कैपिटल और अन्य ग्रुप कंपनियों पर देशभर में 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा।
Q. अनिल अंबानी का इस घोटाले से क्या संबंध है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, लोन घोटाले से जुड़ी कंपनियों का संचालन अनिल अंबानी ग्रुप द्वारा किया गया। हालांकि, अनिल अंबानी का नाम सीधे बोर्ड में नहीं है।
Q. सेबी ने अनिल अंबानी पर क्या कार्रवाई की?
सेबी ने अगस्त 2024 में अनिल अंबानी और 24 संस्थाओं पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया और ₹25 करोड़ का जुर्माना ठोका।
Q. इस घोटाले का भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर क्या असर पड़ा है?
इस घोटाले ने बैंकिंग सिस्टम की निगरानी, पारदर्शिता और लोन वितरण की प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े किए हैं।