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ट्रम्प की नई इंटेल ज़ार तुलसी गबार्ड इतनी विवादास्पद क्यों हैं? Why is Tulsi Gabbard, Trump’s new intel tsar, so controversial?

On: July 29, 2025 10:48 AM
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ट्रम्प की नई इंटेल ज़ार तुलसी गबार्ड इतनी विवादास्पद क्यों हैं? Why is Tulsi Gabbard, Trump’s new intel tsar, so controversial? ? जानिए कारण

Tulsi Gabbard


अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में तुलसी गबार्ड को अपनी इंटेलिजेंस टीम में एक प्रमुख भूमिका दी है, जिससे एक बार फिर वह विवादों के केंद्र में आ गई हैं। हवाई की पूर्व कांग्रेस सदस्य और डेमोक्रेट पार्टी की पूर्व सदस्य तुलसी गबार्ड का नाम हमेशा ही अपने बयानों और विचारों की वजह से सुर्खियों में रहता है। आइए जानते हैं, आखिर वह क्यों इतनी विवादास्पद मानी जाती हैं:

पारंपरिक डेमोक्रेट से अलग विचारधारा

तुलसी गबार्ड ने लंबे समय तक डेमोक्रेट पार्टी का समर्थन किया, लेकिन 2020 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी। उनका कहना था कि पार्टी की विचारधारा “सामाजिक और राजनीतिक चरमपंथ” को मानती है, जो कि देश के लिए घातक है। इसके बाद उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी की ओर रुख किया, जिससे डेमोक्रेटिक समर्थकों में उनके प्रति आक्रोश बढ़ गया।

सीरिया और असद के प्रति रुख

तुलसी गबार्ड को खास तौर पर सीरिया और राष्ट्रपति बशर अल-असद के प्रति अपने रुख के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा। 2017 में, उन्होंने असद से मुलाकात की थी और अमेरिकी नीतियों के खिलाफ अपने विचार रखे थे। उनका कहना था कि असद को हटाने से सीरिया में और अधिक अस्थिरता आएगी, जिससे कई लोग उनके इस दृष्टिकोण को असहमति की नजर से देखते हैं।

रूस के प्रति नरम रुख

तुलसी पर कई बार रूस समर्थक होने का आरोप भी लगा है। 2016 में हिलेरी क्लिंटन ने भी गबार्ड पर रूस के समर्थन का संकेत दिया था। आलोचकों का कहना है कि उनकी कुछ टिप्पणियों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह अमेरिका की विदेशी नीतियों में रूस के प्रति एक नरम रुख अपना रही हैं।

ट्रंप के समर्थन में बयानों से उठे सवाल 

तुलसी गबार्ड ने कई बार ट्रंप का समर्थन किया है, जिससे उनकी पार्टी में कई लोग असहमत हुए। यह ट्रंप के साथ उनकी नजदीकियों की वजह से ही हो सकता है कि उन्होंने गबार्ड को एक प्रमुख भूमिका में रखा है। उनका ट्रंप समर्थक रुख और इंटेलिजेंस टीम में उनकी नियुक्ति से यह माना जा रहा है कि वह ट्रंप की वापसी के लिए नए सिरे से समर्थन जुटाने का प्रयास कर सकती हैं।

पारंपरिक अमेरिकी राजनीति से अलग सोच

तुलसी गबार्ड का दृष्टिकोण पारंपरिक अमेरिकी राजनीति से काफी अलग है। वह अमेरिकी नीतियों में बदलाव की बात करती हैं और खासकर सैन्य अभियानों के खिलाफ अपनी राय खुलकर रखती हैं। उनके आलोचक उन्हें ‘एंटी-वॉर’ और ‘एंटी-इंटरवेंशनिस्ट’ मानते हैं।

तुलसी गबार्ड का ट्रंप की इंटेलिजेंस टीम में प्रमुख भूमिका में आना एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है। उनकी विवादास्पद पृष्ठभूमि और कट्टरपंथी विचारधारा के कारण वह अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। उनके विचार और निर्णय भविष्य में ट्रंप की नीतियों और अमेरिका की विदेश नीति पर किस तरह का असर डालेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।


क्या तुलसी गबार्ड ट्रंप को एक बार फिर से सत्ता में लाने में मदद करेंगी, या उनकी विवादास्पद छवि उनका रास्ता मुश्किल कर देगी? यह आने वाले समय में साफ होगा।

Mohit Singh Tomar

My name is Mohit Singh Tomar, a passionate student and aspiring journalist from Morena, Madhya Pradesh. With a keen interest in news writing and digital media, I created Khabar Apke Dwar to deliver accurate, timely, and engaging news updates to readers across India. I strive to ensure that every headline reaches you with clarity, credibility, and commitment.

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